मंत्रालय ने कहा कि इस हस्ताक्षर से विस्तारित परिभाषा के तहत थोक कार्गो सहित जोगबनी (भारत) और बिराटनगर (नेपाल) के बीच रेल-आधारित माल ढुलाई की सुविधा मिलेगी।
यह उदारीकरण प्रमुख पारगमन गलियारों- कोलकाता-जोगबनी, कोलकाता-नौतनवा (सुनौली), और विशाखापत्तनम-नौतनवा (सुनौली) तक फैला हुआ है, जिससे दोनों देशों के बीच मल्टीमॉडल व्यापार कनेक्टिविटी और तीसरे देशों के साथ नेपाल का व्यापार मजबूत होता है।
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उपरोक्त विनिमय पत्र (एलओई) कंटेनरीकृत और थोक कार्गो दोनों के लिए जोगबनी-विराटनगर रेल लिंक के साथ सीधी रेल कनेक्टिविटी को सक्षम बनाता है, जिससे कोलकाता और विशाखापत्तनम के बंदरगाहों से नेपाल में विराटनगर के पास मोरंग जिले में स्थित नेपाल सीमा शुल्क यार्ड कार्गो स्टेशन तक परिवहन की सुविधा मिलती है।
भारत सरकार की अनुदान सहायता से निर्मित इस रेल लिंक का उद्घाटन 1 जून 2023 को भारत और नेपाल के प्रधानमंत्रियों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।
बैठक में एकीकृत चेक पोस्ट और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास सहित सीमा पार कनेक्टिविटी और व्यापार सुविधा को बढ़ाने के लिए चल रही द्विपक्षीय पहल का भी स्वागत किया गया।
भारत नेपाल का सबसे बड़ा व्यापार और निवेश भागीदार बना हुआ है, जो उसके विदेशी व्यापार में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखता है। मंत्रालय ने कहा कि इन नए उपायों से दोनों देशों और उससे आगे के बीच आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों को और मजबूत करने की उम्मीद है।

