केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में कहा कि प्रस्तावित भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा तेजी से और सकारात्मक माहौल में चल रही है। इस समय भारतीय इक्विटी सूचकांक सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। अगर दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार समझौते की घोषणा करते हैं तो बाजार में नई तेजी देखने को मिल सकती है।
एचयूएल, एसबीआई लाइफ, डॉ. रेड्डीज और एसबीआई कार्ड सहित कई प्रमुख कंपनियां पहले ही अपने जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजों की घोषणा कर चुकी हैं। अब तक, दूसरी तिमाही की आय काफी हद तक बाजार की उम्मीदों के अनुरूप रही है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) इस महीने शुद्ध खरीदार बन गए हैं, उन्होंने अक्टूबर में अब तक इक्विटी में 6,480 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह एफपीआई द्वारा लगातार तीन महीनों की शुद्ध बिक्री के बाद आया है।
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बीता हफ्ता भारतीय बाजारों के लिए मजबूत रहा। निफ्टी 424 अंक या 1.68 प्रतिशत बढ़कर 25,709.85 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 1,451.37 अंक या 1.76 प्रतिशत उछलकर 83,952.19 पर बंद हुआ। क्षेत्रीय सूचकांकों में, निफ्टी रियल्टी 4.14 प्रतिशत की बढ़त के साथ शीर्ष पर रहा। निफ्टी ऑटो में 1.90 फीसदी, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज में 2.59 फीसदी, निफ्टी एफएमसीजी में 3.00 फीसदी, निफ्टी इंफ्रास्ट्रक्चर में 1.70 फीसदी और निफ्टी कंजम्पशन में 2.73 फीसदी की तेजी आई।
13-17 अक्टूबर के कारोबारी सप्ताह के दौरान मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट में प्रदर्शन मिलाजुला रहा। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 204.85 अंक या 0.35 फीसदी की बढ़त के साथ 58,902.25 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 10.95 अंक फिसलकर 18,122.40 पर पहुंच गया।
विश्लेषकों ने कहा कि रैली को उपभोग-संचालित क्षेत्रों में मजबूती और रियल्टी, स्वास्थ्य सेवा और बैंकिंग में व्यापक-आधारित रिकवरी द्वारा समर्थित किया गया था। बाजार विशेषज्ञों ने कहा, “वित्तीय क्षेत्र में संपत्ति की गुणवत्ता को लेकर चिंताएं कम होने और त्योहारी तिमाही में वॉल्यूम ग्रोथ में सुधार की उम्मीद से निवेशकों का विश्वास और बढ़ा है।”

