यहां, इन दोनों बलों के बीच संतुलन महत्वपूर्ण है। यह वही है जो बाइक को स्थिर रखता है। एक बार संतुलन खो जाने के बाद, बाइक गिर जाती है। अन्यथा, यह सीधा रहता है और कोने के माध्यम से आसानी से चलता है।
तो, गुरुत्वाकर्षण और केन्द्रापसारक बल के बीच यह संतुलन कैसे काम करता है? सरल, दुबला मोड़ की गति और तेज से मेल खाना चाहिए।
कभी -कभी, हालांकि, बाइक अभी भी गिरती है। ऐसा क्यों होता है? यह तब होता है जब संतुलन खो जाता है। यदि राइडर गति के लिए बहुत अधिक झुक जाता है, तो बाइक फिसल सकती है और गिर सकती है।
उदाहरण के लिए, यदि आप एक वक्र पर बहुत धीमी गति से चलते हैं और तेजी से झुक जाते हैं, तो गुरुत्वाकर्षण को संतुलित करने के लिए पर्याप्त केन्द्रापसारक बल (बाहरी बल) नहीं है, और बाइक टॉपल होगी।
एक और कारक भी है जो एक गिरावट, टायर की पकड़ को रोकने में एक बड़ी भूमिका निभाता है। यदि सड़क फिसलन है या आप एक मोड़ के दौरान अचानक ब्रेक करते हैं, तो टायर पकड़ खो सकते हैं, और बाइक गिर जाएगी।
सुरक्षित सवारी के लिए टिप्स
हेलमेट: यह कानून के अनुसार सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा गियर और अनिवार्य भी है।
रफ्तार का प्रतिबंध: हमेशा गति सीमा का पालन करें। यह आपकी सवारी को सुरक्षित बना देगा।
दूरी: अन्य वाहनों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें। यह आपको आपातकालीन स्थिति में प्रतिक्रिया करने के लिए पर्याप्त समय देगा।
संकेतक और दर्पण: हमेशा लेन को बदलने या बदलने के लिए संकेतक का उपयोग करें। इसके अलावा, रियर ट्रैफ़िक के लिए देखने के लिए दर्पण का उपयोग करें।
सड़क की स्थिति: गड्ढों, रेत, या गीले पैच के लिए बाहर देखें जो पर्ची पैदा कर सकते हैं।